होली आई, होली आई, गुजिया, मठरी, बरफी लाई
मीठे-मीठे शक्करपारे, सजे -धजे पापड़ हैं सारे,
चिप्स कुरकुरे और करारे, दहीबड़े हैं प्यारे-प्यारे,
तन-मन में मस्ती उभरी है, पिस्ता बरफी हरी-भरी है.
पीले, हरे गुलाल लाल हैं, रंगों से सज गये थाल हैं.
कितने सुन्दर, कितने चंचल, हाथों में होली की हलचल,
फागुन सबके मन भाया है!
होली का मौसम आया है!! |