रूप इतना खूबसूरत
आइने की क्या जरूरत
आ रहीं नज़दीक घड़ियाँ
जब बनेगा शुभमुहूरत
बैठकर जब बात होंगी
दूर होंगी सब कुदूरत
लाख पर्दों में छुपाओ
छिप नहीं पायेगी सूरत
दिल में हमने है समायी
आपकी सुन्दर सी सूरत
आज मेरे चाँद का है
"रूप" कितना खूबसूरत
"रूप" कितना खूबसूरत
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