मेरे काव्यसंग्रह "सुख का सूरज" से
एक गीत
"राम सँवारे बिगड़े काम"
राम नाम है सुख का धाम। राम सँवारे बिगड़े काम।।
असुर विनाशक, जगत नियन्ता, मर्यादापालक अभियन्ता, आराधक तुलसी के राम। राम सँवारे बिगड़े काम।।
मात-पिता के थे अनुगामी,, चौदह वर्ष रहे वनगामी, किया भूमितल पर विश्राम। राम सँवारे बिगड़े काम।।
कपटी रावण मार दिया था लंका का उद्धार किया था, राम नाम में है आराम। राम सँवारे बिगड़े काम।।
जब भी अन्त समय आता है, मुख पर राम नाम आता है, गांधी जी कहते हे राम! राम सँवारे बिगड़े काम।।
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जहाँ राम की कृपा हो काम तो बनने ही हैं ...
ReplyDeleteनया साल मुबारक ...
जय श्रीराम !
ReplyDeleteनया वर्ष २०१४ मंगलमय हो |सुख ,शांति ,स्वास्थ्यकर हो |कल्याणकारी हो |
नई पोस्ट नया वर्ष !
नई पोस्ट मिशन मून
बहुत सुंदर !
ReplyDeleteनव वर्ष शुभ हो !
Thank you for shaaring this
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