Followers

Tuesday, April 22, 2014

"बसन्त आया है" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')

अपने काव्य संकलन सुख का सूरज से
लगता है बसन्त आया है!
हर्षित होकर राग भ्रमर ने गाया है!  
लगता है बसन्त आया है!!

नयनों में सज उठे सिन्दूरी सपने से,
कानों में बज उठे साज कुछ अपने से,
पुलकित होकर रोम-रोम मुस्काया है!
लगता है बसन्त आया है!!

खेतों ने परिधान बसन्ती पहना है,
आज धरा ने धारा नूतन गहना है,
आम-नीम पर बौर उमड़ आया है!
लगता है बसन्त आया है!!

पेड़ों ने सब पत्र पुराने झाड़ दिये हैं,
बैर-भाव के वस्त्र सुमन ने फाड़ दिये है,
होली की रंगोली ने मन भरमाया  है!
लगता है बसन्त आया है!!

3 comments:

  1. Vasant ka Sukhad anubhav....badhia

    ReplyDelete
  2. This comment has been removed by the author.

    ReplyDelete
  3. Urban Titanium Art Studio | Titanium Arts | Titanium
    Titanium Art Studio. titanium security Titanium Art Studio. titanium bar Titanium Art Studio. Titanium Art Studio. Titanium Art Studio. Titanium Art Studio. Titanium titanium nipple barbells Art Studio. titanium bike frame Titanium Art Studio. Titanium Art titanium grades Studio

    ReplyDelete

केवल संयत और शालीन टिप्पणी ही प्रकाशित की जा सकेंगी! यदि आपकी टिप्पणी प्रकाशित न हो तो निराश न हों। कुछ टिप्पणियाँ स्पैम भी हो जाती है, जिन्हें यथासम्भव प्रकाशित कर दिया जाता है।