मित्रों!
अपने काव्य संकलन सुख का सूरज से
एक गीत
"जब याद किसी की आती है"
दिल में कुछ-कुछ होता है, जब याद किसी की आती है। मन सारी सुध-बुध खोता है, जब याद किसी की आती है। गुलशन वीराना लगता है, पागल परवाना लगता है, भँवरा दीवाना लगता है, दिल में कुछ-कुछ होता है, जब याद किसी की आती है। मधुबन डरा-डरा लगता है, जीवन मरा-मरा लगता है, चन्दा तपन भरा लगता है, दिल में कुछ-कुछ होता है, जब याद किसी की आती है। नदियाँ जमी-जमी लगती हैं, दुनियाँ थमी-थमी लगती हैं, अँखियाँ नमी-नमी लगती हैं, दिल में कुछ-कुछ होता है, जब याद किसी की आती है। मन सारी सुध-बुध खोता है, जब याद किसी की आती है।। |
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Monday, September 9, 2013
"जब याद किसी की आती है" (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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ReplyDeleteबहुत सुन्दर रचना
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