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Sunday, January 26, 2014

"प्यार लेकर आ रहे हैं" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')

मेरे काव्यसंग्रह "सुख का सूरज" से 
   
एक गीत
"प्यार लेकर आ रहे हैं"
प्रीत और मनुहार लेकर आ रहे हैं।
हम हृदय में प्यार लेकर आ रहे हैं।।

गाँव का होने लगा शहरीकरण,
सब लुटे किरदार लेकर आ रहे हैं।
हम हृदय में प्यार लेकर आ रहे हैं।।

मत प्रदूषित ताल में गोता लगाना,
हम नवल जल धार लेकर आ रहे है।
हम हृदय में प्यार लेकर आ रहे हैं।।

जिन्दगी में फिर बहारें आयेंगी,
हम सुमन के हार लेकर आ रहे हैं।
हम हृदय में प्यार लेकर आ रहे हैं।।

3 comments:

  1. बढ़िया प्रस्तुति-
    शुभकामनायें गणतंत्र दिवस की-
    सादर

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