मेरे काव्य संग्रह "सुख का सूरज" से
एक ग़ज़ल
मन में शहनाई सी बजती, उनके आने से
गालों पर अरुणाई सजती, उनके आने से
गालों पर अरुणाई सजती, उनके आने से
बिन बादल बारिश आ जाती, उनके आने से
सूखी सरिता सरसा जाती, उनके आने से
पतझड़ में हरियाली आती, उनके आने से
मौसम में खुशहाली आती, उनके आने से
आमन्त्रण उनको देता हूँ, दिल में आने का
पतझड़ भी मधुमास बनेगा, उनके आने से
नहीं “रूप” का परिचय होता, वो खुद ही परिचय है
आमन्त्रण उनको देता हूँ, दिल में आने का
ReplyDeleteपतझड़ भी मधुमास बनेगा, उनके आने से
==============================बहुत सुन्दर प्रस्तुति , नमन
बहुत सुन्दर प्रस्तुति.
ReplyDeleteबढ़िया प्रस्तुति।
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