मित्रों!
अपने काव्य संकलन सुख का सूरज से एक गीत
"प्रीत उपहार हो जायेगा"
गीत गाते रहो, गुनगुनाते रहो,
एक दिन मीत संसार हो जायेगा। चमचमाते रहो, जगमगाते रहो, एक दिन प्रीत उपहार हो जायेगा।। जीतनी जंग है जिन्दगी की अगर, पार करनी पड़ेगी, कठिन सी डगर, पथ सजाते रहो, आते-जाते रहो, एक दिन राह को प्यार हो जायेगा।। स्वप्न सुख के बुनों, खार को मत चुनो, कुछ स्वयं भी कहो, कुछ उन्हें भी सुनो, मुस्कुराते रहो, सबको भाते रहो, एक दिन सुख का अम्बार हो जायेगा।। भूल करना नही, दिल दुखाना नही, साथ देना, कभी दूर जाना नही, सुर मिलाते रहो, सिर हिलाते रहो, एक दिन उनको एतबार हो जायेगा। |
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Friday, October 4, 2013
"प्रीत उपहार हो जायेगा" (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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बढ़िया प्रस्तुति है गुरुवर-
ReplyDeleteसादर नमन-
बढ़िया प्रस्तुति - बधाई
ReplyDeleteशब्दों की मुस्कुराहट पर ....क्योंकि हम भी डरते है :)
मुस्कुराते रहो गुनगुनाते रहो एक दिन सुख का अंबार हो जायेगा। वाह, बहुत सुंदर प्रस्तुति।
ReplyDeleteआपके पुस्तक प्रकाशन पर भी बधाई।
बहुत ही सुंदर, सकारात्मक भावों को उद्वेलित करता मधुर गीत.....
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